मधुमक्खी पालन किसानों के अतिरिक्त आमदनी का उत्तम जरिया साबित हो रहा है इसी के चलते सरकार ने भारत की पहली Honey testing lab की शुरुआत की है आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में


यह Honey testing lab गुजरात के आनंण में कृषि मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सहयोग से स्थापित की गई है ऐसी पांच प्रयोगशालाये खोलने की योजना है इस प्रयोगशाला के माध्यम से शहद की गुणवत्ता और प्रमाणिकता को सिद्ध किया जा सकेगा | लैब को सरकार ने 7.7 करोड़ रुपये की फंडिंग द्वारा बनाया गया है
और यह लैब National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories (NABL) और Export Inspection Council इनके द्वारा प्रमाणित है | इसे राष्ट्रीय संदर्भ प्रयोगशाला के रूप में FSSAI से भी मंजूरी मिल गई है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान है |
परीक्षण प्रयोगशाला शहद किसानों, सहकारी समितियों और शहद उद्योग को घरेलू खपत और निर्यात के लिए गुणवत्तापूर्ण शहद का उत्पादन करने में मदद करेगी। ”
नई लैब खाद्य सुरक्षा नियामक FSSAI द्वारा निर्दिष्ट मानदंडों के अनुसार शहद का परीक्षण करेगी। शहद निर्यात को बढ़ावा देगा और किसानों के लिए बेहतर दरों को सुनिश्चित करेगा तोमर ने कहा कि यह कदम 2025 तक किसानों की आय को दोगुना करने के भारत के प्रयासों में योगदान देगा।
इस अवसर पर मधुमक्खियां पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रारंभ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने की नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रयासों से मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देते हुए शहद के उत्पादन तथा निर्यात में लगातार वृद्धि हो रही है आगे भी इस क्षेत्र में और बेहतर प्रयास सभी को मिलकर करना है मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण तथा जागरूकता कार्यक्रम में विस्तार करने की जरूरत है